द ख़बर टाइम्स/श्रवण पटवा
शोहरतगढ़, सिद्धार्थनगर
शोहरतगढ़ कस्बे के श्रीराम जानकी मंदिर परिसर में गुरुवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से शताब्दी उत्सव व विजयादशमी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान बौद्धिक देते हुए विभाग प्रचारक राजीव नयन ने कहा कि भारत माता पर कई तरह की विपत्तियां आई। इन विपत्तियों की चिकित्सा करने को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की नींव पड़ी।

डॉ. हेडगेवार ने संघ के रूप में भारत माता को छाया देने का कार्य किया और उन्होंने कहा कि संघ ने भी तमाम यातनाएं सही है। गांधी जी की हत्या के बाद संघ पर प्रतिबंध लगा। इस दौरान स्वयंसेवकों का उत्पीड़न भी किया गया, बावजूद स्वयंसेवक कार्य करता रहा। दैवीय आपदा, चीन युद्ध के समय में भी स्वयंसेवक राष्ट्र कार्य करते रहे। विभाग प्रचारक ने कहा कि समाज में अंधकार होने पर दीपक बनकर जलना पड़ता है। अंग्रेजी हुकूमत के समय अंग्रेज परेशान थे कि देश में राष्ट्र भक्ति कहां से आ रही है। उन्हें यह नहीं पता था कि जब वह सो रहे थे तब शाखा में राष्ट्र भक्ति सीख कर स्वयंसेवक घर लौट आता था।संघ की व्यवस्था थी। वहीं संघ कई यातनाओं के बाद भी स्वामी विवेकानंद की सोच के संकल्प को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहा है। देश में मुगल आंक्राताओं ने पुजारी व महात्माओं की हत्या के बाद जनेऊ को तोड़वाने का कार्य किया। जिसे देश कभी भूल नहीं सकता है। इन घटनाओं के बाद भी भारत माता शेर पैदा करती है। भारत वीरों का देश है। महाराणा प्रताप ने अकबर जैसे आतातायियों को ललकारने का कार्य किया था।

उन्होंने कहा था कि घास की रोटी खा कर तपस्या कर लूंगा, लेकिन मेवाण गुलाम नहीं होने दूंगा। हिंदवी स्वराज की स्थापना करने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे वीर भारत देश में पैदा होते हैं। बहराइच के अंदर बहुत बड़ी संख्या में हिंदूओं का कत्लेआम हो रहा था। महाराजा सुहेलदेव ने अकबर के लोगों को गाजर-मूली की तरह काटकर हिंदू समाज की रक्षा की थी। देश में अनेक क्रांतिकारी पैदा हुए। भारत माता गुलामी की बेडियों में जकड़ी थी। इसे आजाद कराने के लिए भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, राजगुरु, बिस्मिल जैसे क्रांतिकारियों ने बलिदान देकर भारत माता को आजाद कराया। साधना, तप, तपस्या भारत में होता है। हम जिस धरती पर रहते हैं उसे भारत नहीं बल्कि भारत माता मानते हैं। हमें कुछ मांगने की अपेक्षा है तो भारत के विशेषता की अपेक्षा है।

भगवान हमें कुछ देना चाहते हैं तो धर्म की जय हो, विश्व का कल्याण हो। हम विश्व का कल्याण सोचने वाले लोग हैं। हम दुनिया को संदेश देने वाले लोग हैं। यहां चीटी को भी मारने से बचते हैं, बल्कि चीटी को आटा देते हैं। यह संस्कार भारत का है। पक्षी को कटोरी में पानी देते हैं। गाय को पहली रोटी देते हैं और कुत्ते को अंतिम रोटी देते हैं। यह भारत का संस्कार है। इतना ही नहीं सांप को दूध पिलाने की प्रथा सिर्फ भारत में है। पंचमी के दिन दूध पिलाते हैं।

बौद्धिक प्रारंभ होने से पहले विभाग प्रचारक के साथ जिला प्रचारक विशाल, खंड संघ चालक रामदास पांडेय, राम मिलन त्रिपाठी, पंकज श्रीवास्तव, चंद्रशेखर सिंह, ऋषि वर्मा ने शस्त्र पूजन कर डॉ. हेडगेवार, गुरु जी, भारत माता, मां दुर्गा व प्रभु श्रीराम के चित्र पर पुष्प अर्पित किया।

इसके बाद ध्वज लगाया गया। कार्यक्रम खत्म होने के बाद शस्त्रों के साथ कस्बे में जुलूस निकाला गया। इस दौरान विधायक विनय वर्मा, अभिषेक पाल, चेयरमैन प्रतिनिधि रवि अग्रवाल, किशोरी लाल जी, श्याम जायसवाल, शिवपूजन वर्मा (भोलेनाथ), सतीश मित्तल, शैलेन्द्र कौशल, शिवशक्ति शर्मा, राजेश आर्या, आयुष निगम, भोला कसौधन, श्यामसुंदर चौधरी, नीलू रूंगटा, आनंद कसौधन, भीम चौधरी, सौरभ गुप्ता, राजू बाबा, चंचल मित्तल, राजकुमार, नितेश मित्तल, मनोज गुप्ता, महेश गुप्ता, दिनेश कुमार, राजकुमार मोदनवाल, महेश कसौधन, विक्रांत सिंह, मनीष श्रीवास्तव, आदि मौजूद रहें।

जोश से भरपूर रहे युवा, लगाते रहे नारे- विजयादशमी कार्यक्रम के बाद श्रीराम जानकी मंदिर परिसर से शस्त्रों के साथ जुलूस निकाला गया। जुलूस सरकारी अस्पताल, गड़ाकुल तिराहा, थाना परिसर के पीछे से होते हुए वापस गड़ाकुल, धर्मशाला, गोलघर, भारत माता चौक, सोनारी मोहल्ला, शांति मार्केट, मोती नेता तिराहा, नीबी दोहनी होकर वापस मोती नेता तिराहा, पुलिस पीकेट होते हुए मंदिर पहुंचकर समाप्त हुई। इसमें बच्चों से लेकर बड़े, युवा, बुजुर्ग सभी दिखाई दिए।





















